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प्रोजेक्ट स्नेह : कपड़े के यह डायपर, प्लास्टिक डायपर का हैं बेहतर विकल्प*

Sanjeev Kaushik

आज वर्तमान में हजारों टन कचरा डंपिंग ग्राउंड्स में पहुंचता है, उसमें एक बहुत बड़ा हिस्सा प्लास्टिक डायपर का भी होता है। Motilal Nehru College की Enactus टीम इन्ही प्लास्टिक डायपर की समस्या को समाप्त करने के लिए प्रोजेक्ट स्नेह लेकर आई है। प्रोजेक्ट स्नेह का मुख्य लक्ष्य समाज और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले प्लास्टिक डायपर के विपरीत पर्यावरण-अनुकूल विकल्प कपड़े के डायपर के उपयोग को बढ़ावा देना है। रोजगार सृजन : प्रोजेक्ट स्नेह के अंतर्गत कपड़े के डायपर का निर्माण विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों से जुड़ी महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस परियोजना के माध्यम से इन महिलाओं को आय का एक स्थिर और स्थायी स्रोत देने का प्रयास करते हैं। अगर वर्तमान में सहयोगी एनजीओ स्ट्रीबल की बात करें तो, यहाँ अकेले चार महिलाओं की टीम द्वारा प्रतिदिन 50 इकाइयों (यूनिट्स) का उत्पादन किया जाता है। विशेषता: स्नेह डायपर पुन: प्रयोज्य (दुबारा प्रयोग किये जा सकने वाले) कपड़े के डायपर हैं जिनका बाहरी आवरण प्राकृतिक रेशों के मिश्रण से बने अवशोषक पैड का होता है। पैड को अपनी जगह पर मजबूती से पकड़कर, यह बाहरी आवरण न केवल रिसाव रोकता है बल्कि वेंटिलेशन भी प्रदान करता है, जब कि बाज़ार में मिलने वाले अन्य डिस्पोजेबल डायपर में यह खूबी नही होती। प्रोजेक्ट स्नेह की कुछ उपलब्धियाँ हैं - 1. लिम्पोपो विश्वविद्यालय के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंध। 2. टोट बैग का एक नया सेगमेंट पेश किया और मात्र 6 माह में 40,000 रुपये से अधिक की भारी बिक्री हासिल की। 3. प्रोजेक्ट टीम द्वारा जन जगरूकता के तहत साकेत बस्ती में सफाई अभियान चलाया गया। 4. SPOWAC (महिला एवं बाल कल्याण संवर्धन सोसायटी) के साथ महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। 5. आइना फाउंडेशन के सहयोग से पीतमपुरा झुग्गी बस्ती में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। 6. पीतमपुरा की झुग्गियों में जरुरतमंदों के लिए कपड़े के डायपर का वितरण अभियान चलाया। 7. सेव द चाइल्ड फाउंडेशन के साथ कपड़े डायपर को लेकर एक शिक्षा सत्र आयोजित किया। उनकी टीम का लक्ष्य अंततः खुले डंपिंग की समस्या का एक स्थायी, प्रभावी और आसानी से सुलभ समाधान प्रदान करके एक ऐसी दुनिया बनाना है जो वर्तमान और भविष्य दोनों पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ हो।

Report :- Sanjeev Kaushik
Posted Date :- 04-12-2023