
राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए समाज को जागृत करना गुरु का धर्म :पंडित पवन मिश्रा
*राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए समाज को जागृत करना गुरु का धर्म :पंडित पवन मिश्रा* गाजियाबाद। जीटी रोड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत पंडित पवन मिश्रा के नेतृत्व में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। साथ ही गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्री श्री 108 रामेश्वर दास शास्त्री का फूल माला तिलक कर पूजन कर गुरु पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया। हनुमान मंदिर सेवा समिति एवं सभी भक्त गण ने सम्मिलित होकर गुरु पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर पंडित पवन मिश्रा ने कहा कि बीते करीब 35 वर्षों से हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के मौके पर सुंदरकांड का पाठ व गुरु पूजन के साथ भंडारे का आयोजन किया जाता है। उन्होंने गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि काल की आवश्यकता को पहचानते हुए राष्ट्र और धर्म की रक्षा करना सिखाना आज गुरु का पहला कर्तव्य है। जिस प्रकार साधकों को साधना सिखाना गुरु का धर्म है, उसी प्रकार राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए समाज को जागृत करना भी गुरु का धर्म है। हमारे पास आर्य चाणक्य, समर्थ रामदास स्वामी जैसे गुरुओं का आदर्श है। उन्होंने कहा आज हमारे देश और धर्म की स्थिति बहुत ही दयनीय है। समय की आवश्यकता को समझते हुए आज गुरु का पहला कर्तव्य शिष्यों और समाज को राष्ट्र और धर्म की रक्षा करना सिखाना है। उन्होंने कहा भगवान और गुरु का काम एक ही है। पंडित पवन मिश्रा बताते है कि भक्तों पर सदा कृपा बरसाने वाले भगवान, संतों की रक्षा और धर्म की रक्षा के लिए राक्षसों पर भी अस्त्रों की वर्षा करते हैं । हालांकि, हम भगवान के इस दूसरे रूप को भूल जाते हैं जो राक्षसों का नाश करता है और धर्म की रक्षा करता है । एक गुरु, जो हृदय से ईश्वर से एकरूप हो गया है, वह ईश्वर के इस क्षेत्र कार्य से कैसे अलग रह सकता है। सुंदरकांड पाठ के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर मन्दिर समिति की ओर से नरेश गोयल प्रधान , अशोक शर्मा गंगा महिमा संपादक अनुज चौधरी श्रमजीवी पत्रकार संघ अध्यक्ष दीपक चौधरी प्रवीण अरोड़ा , प्रभात तिवारी पत्रकार व अन्य भक्तगण का सहयोग रहा।



