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आज की रात डरावने सपने जैसी
जब दूर दूर तक बच्चा रोता है तो माँ कहती है बेटा सो जा
" नहीं तो गब्बर आ जायेगा "
ऐसा ही मामला कल रात देखने को मिला कि "कितने नोट है तेरे पास बता नहीं तो मोदी आ जायेगा "माननीय प्रधान मंत्री जी इस घोषणा की मै तहे दिल कद्र करता हु ,कि उनका ये कदम सहारनीय है और देश हित में है जो लोग नाग की तरह काले धन पर कुंडली जमाए बैठे है उनके लिए मोदी जी किसी गब्बर से कम नही है उनकी रातो की नींद हराम हो गयी .और वो पछता रहे होगे की हमने इतना धन इकट्टा क्यों किया ,ये पैसा देश के विकास के लिए है और विकास में लगना चा हिए
लेकिन ये कदम थोडा जल्दी हो गया क्योकि आज बहुतसे एसा परिवार है जो बड़ी मुश्किल से 500 या 1000 rs कमाते है ,और वही घर पर होते है लेकिन 500 का नोट होने के कारण उनको खाना भी नहीं मिलेगा वो मजदूर कहा जाए जिनकी जेब में 500 का नोट है और अचानक खबर आ गयी की नोट बंद हो गया, .होटल वाले ने खाना देने से मना कर दिया पानी वाले ने पानी को देने से मना कर दिया ,ऐसे में वो कहा जायेंगे ,
इस योजना को लागु करने से पहले थोडा समय देना चाहिए था ताकि हर नागरिक अपना थोडा इन्तेजाम कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ अब इसे जनहित कहे या तानाशाही ये तो देश की जनता ही तय करेगी
क्या इससे विदेशो से काला धन वापस आ जायेगा नहीं क्योकि हर देश की करेंसी अलग होती है वहां 500 या 1000 के नोट नहीं होते तो इस सहर्नीय कदम से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता आपकी काले धन की राजनीती आम जनता की नजरो में फेल हो चुकी है
मेरा माननीय प्रधान मंत्री जी से यही आग्रह है की बिजनेसमेन और उध्योगपतियों के साथ साथ आम जनता का भी ख्याल रखा जाए ,,,,,,,
खलील पंवार
(M.D)दिल्ली लाइव न्यूज़