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36 वर्षीय नरपाल उर्फ सोनू को छह सितंबर, 2010 को दुष्कर्म और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

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बिजनौर में कीरतपुर थाने के गांव रायपुर मौजमपुर निवासी 36 वर्षीय नरपाल उर्फ सोनू को छह सितंबर, 2010 को दुष्कर्म और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। इसके बाद 28 अप्रैल, 2012 को उसे बिजनौर जिला जेल से बरेली सेंट्रल जेल भेजा गया था। वह जेल में नंबरदार था, लिहाजा उसे सभी बैरकों और परिसर में आने-जाने की छूट थी। रविवार रात दो बजे से सोमवार सुबह छह बजे के बीच किसी समय घने कोहरे में सरिया के सहारे वह दीवार फांदकर फरार हो गया। जेल प्रशासन को सोमवार सुबह छह बजे गणना के दौरान उसके भागने की जानकारी मिली। इसके बाद जेल में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएन पांडेय ने डिप्टी जेलर, सभी बंदी रक्षक और जेल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को बुलाकर पूरे जेल में उसकी तलाश कराई। इसके बाद मामले की जानकारी एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को दी। जिले में बैरियर लगाकर चेकिंग कराई गई। वाहनों की भी तलाशी ली गई लेकिन नरपाल का कोई पता नहीं चला। थाना इज्जतनगर में वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएन पांडेय की ओर नरपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।  पुलिस के मुताबिक सेंट्रल जेल में इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है। परिसर में काफी निर्माण सामग्री पड़ी है, लेकिन जेल की 20 फुट ऊंची दीवार पर चढ़ना संभव नहीं था। चूंकि नंबरदार होने के चलते नरपाल को हर जगह आने-जाने की छूट थी सो उसने सरिया में एक गोल फंदा और ऊपर अंकड़ी बनाकर दीवार में फंसा दी। इसी के सहारे कोहरे का फायदा उठाकर वह दीवार पर चढ़कर दूसरी ओर फांदकर भाग निकला। हालांकि इस कार्य में उसे समय भी लगा होगा लेकिन कोहरे के चलते उस पर किसी की नजर नहीं पड़ी।

Report :- Desk
Posted Date :- 03-02-2021

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