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अमृतसर में पाकिस्तान को आईना दिखाएंगे मोदी, कई देशों का समर्थन

Desk

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमृतसर के मंच से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आईना दिखाएंगे। कई देश उनके समर्थन में हैं। भारत की मेजबानी में पहली बार अमृतसर में होने जा रही छठी मिनिस्टीरियल कांफ्रेंस हार्ट ऑफ एशिया इंस्ताबुल प्रोसेस में आतंकवाद मुख्य मुद्दा रहेगातीन दिसंबर से अमृतसर में शुरू हो रही दो दिवसीय कांफ्रेंस का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का संकल्प लेने के साथ ही इसके खात्मे पर विस्तार से चर्चा होगी। अफगानिस्तान से कनेक्टिविटी सुधारने पर भी कांफ्रेंस में चर्चा होगी। इसमें तीस देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इसमें पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी भाग लेने आ रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, रूस और इरान के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कांफ्रेंस में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर पीएम मोदी और अफगानिस्तान के प्रतिनिधि पड़ोसी देश को घेरने की तैयारी में है।
चूंकि, अफगानिस्तान और भारत आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित देश हैं। अफगानिस्तान के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाकर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देना भी मुख्य एजेंडा रहेगा। हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भारत के साथ वार्ता की राह तैयार करने की उम्मीद के साथ अमृतसर आ रहे पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को आतंकवाद के मामले में खरी-खरी सुनने को मिल सकती है।
दरअसल, भारत सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान को इस मंच के जरिए घेरने के लिए चीन के इतर अन्य देशों को साधने की मुहिम में जुट गया है। शनिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन में 40 में से ज्यादातर देश शिरकत कर रहे हैं।
अफगानिस्तान सहित कई अन्य देश सम्मेलन में जारी होने वाले संयुक्त घोषणा पत्र में सीमा पार आतंकवाद की समस्या को शामिल कराने और इसकी निंदा किए जाने के लिए राजी हैं।
गौरतलब है कि आतंकवाद के मोर्चे पर भारत पाकिस्तान को सार्क के बाद बिम्सटेक देशों में भी अलग-थलग कर चुका है। हालांकि चीन के प्रतिकूल रुख के कारण भारत ब्रिक्स सम्मेलन के संयुक्त घोषणा पत्र में सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को शामिल नहीं करा पाया थ गौरतलब है कि इस्लामाबाद में हुए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में ही भारत और पाकिस्तान वार्ता के लिए राजी हुए थे। मगर तब विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले ने इस पहल पर पानी फेर दिया। इसके बाद उड़ी आतंकी हमले से दोनों देशों के बीच तनातनी और बढ़ गई।
इस बीच पाकिस्तान की ओर से सीमा पर जारी भारी तनाव के बीच भारत के साथ वार्ता की कई बार इच्छा जताई गई। मगर इसी बीच नगरोटा आतंकी हमले ने वार्ता का माहौल बनाने की बचीखुची उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। वैसे भी भारत बार-बार दोहरा चुका है कि न तो हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में सरताज की किसी से बातचीत का प्रस्ताव आया है और न ही भारत इसके लिए इच्छुक ही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पूरी उम्मीद है कि इस सम्मेलन के घोषणा पत्र के जरिए पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद पर कड़वे अनुभव का अहसास कराया जाएगा। क्योंकि शनिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन में शिरकत कर रहे 40 में से ज्यादातर देश सीमा पार आतंकवाद के सवाल पर भारत का खुला समर्थन करने के लिए तैयार हैं।

 

 

Report :- Desk
Posted Date :- 03/12/2016