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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राष्ट्रगान बजाने का फैसला सिनेमाघरों के लिए, अदालतों पर यह लागू नहीं

Desk

सुप्रीम कोर्ट ने देश के हर सिनेमाहाल में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन, महाराष्ट्र में यह 13 साल पहले से ही लागू है। साल 2003 में महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा से एक आदेश पारित कर कानून बनाया और यह व्यवस्था दी कि सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा और मौजूद लोगों को खड़ा होना होगा।इसके बाद से यह प्रथा अनवरत जारी है। महाराष्ट्र के सिनेमा हाल में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने की मांग करने वाले एनसीपी सचिव नरेंद्र वर्मा बताते हैं कि उन दिनों कारगिल युद्ध के  बाद युवाओं में देशप्रेम को लेकर गजब का जोश था। इसलिए उन्होंने सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने की पहल की।
वर्मा बताते हैं कि इसको लेकर वे देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी मिले थे। हालांकि तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार में गृहमंत्री दिवंगत आरआर पाटिल ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई और उसके बाद राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली और फिर अधिसूचना जारी हो गई। एनसीपी सचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेंद्र वर्मा का कहना है कि राष्ट्रगान में बड़ी ताकत है। इससे हमें देश की एकता का आभास होता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ऐतिहासिक फैसला बताया। वर्मा ने अमर उजाला को बताया कि सिनेमा हाल में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने से पहले थिएटर ऑनर्स एसोसिएशन के साथ बैठक हुई लेकिन एसोसिएशन राजी नहीं था।
एसोसिएशन का कहना था कि साल 1983 के बाद सिनेमा हाल में राष्ट्रगान बंद कर दिया गया है। उस दौर में सिनेमा खत्म होने के बाद राष्ट्रगान होता था लेकिन लोग हाल से निकल जाते थे जिससे राष्ट्रगान का अपमान होता था। इसलिए यह प्रथा बंद कर दी गई थी।वर्मा ने कहा कि इस दलील पर हमने फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान का सुझाव दिया जिसे थिएटर ऑनर्स एसोसिएशन ने मंजूर कर लिया। हालांकि इसके लागू होने के बाद विवाद भी हुए लेकिन, वह राजनीतिक स्टंट तक ही सीमित रहा। पिछले साल दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में मुंबई के एक थिएटर में राष्ट्रगान के समय एक व्यक्ति अपनी सीट पर बैठा रहा।इसको लेकर विवाद हुआ। राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने राजनीति शुरू की तो ओवैसी की एमआईएम भी इसमें कूद पड़ी थी। इसके बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया लेकिन थोड़े दिनों बाद मामला शांत हो गया। नरेंद्र वर्मा की मांग है कि सिनेमा हाल के बाद अब कालेजों और ड्रामा थिएटर्स में भी राष्ट्रगान अनिवार्य किया जाना चाहिए जिससे देश के 65 प्रतिशत युवाओं में देशप्रेम की भावना जागृत हो सके।

 

 

Report :- Desk
Posted Date :- 2/12/2016