अपराध निजी एम्बुलेंस चालकों की चलती है मनमानी एबं मृतक के परिजनों को भी नही बख्शा जाता है। मृतक को ले जाने के नाम पर मृतकों के परिजनों से बसूले जाते है मोटे रकम। Desk बिहार / पटना -- पीएमसीएच हॉस्पिटल परिसर में निजी एंबुलेंस वालों की चलती हैं यूनियन मरीज को ले जाने या लाने के लिए सारे एंबुलेंस चालक में से कोई एक बात करते हैं बात करते हैं कोई और ले जाते हैं कोई और ले जाने से पहले पैसे की करते हैं डिमांड पैसे नहीं देने पर एम्बुलेंस छोड़कर हट जाते हैं। पैसे लेकर एम्बुलेंस चालक आपस में कर लेते हैं बंटवारा। ऐसा प्रतीत होता है नीचे से ऊपर तक खेला जाता है पैसों का खेला। मरीज के मृतक उपरांत एक तरफ डोली चली एक तरफ अर्थी चली शायद आपने यह गाना सुना होगा लेकिन यह गाना नहीं यह हकीकत बिहार के सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच में सच साबित होते दिखता है एक तरफ अर्थी चली एक तरफ अर्थी के साथ पैसा चला पैसा नहीं रहने पर मृतक (अर्थी )को ना कोई देखने वाला ना कोई सुनने वाला सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को कोई ध्यान नहीं दिया जाता है मरीज की मृत्यु होने पर उसे मृत्यु का प्रमाण पत्र दे कर उसे अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। पीएमसीएच अस्पताल के समीप निजी एम्बुलेंस चालकों की मनमर्जी से मरीज के परिजन एम्बुलेंस के दलालो से रहते है परेशान। अस्पताल द्वारा गंभीर हालत में रेफर किये गए मरीजों से मनमानी रकम वसूलते हैं। गंभीर रूप से बीमार मरीज से लेकर प्रसूता के मरीज और सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिलेभर के मरीजों के आने से आपातकालीन वार्ड लगभग भरा रहता है। सरकारी एंबुलेंस कम होने से मरीजों को प्राईवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है। मजबूरी का फायदा उठाने से प्राईवेट एंबुलेंस के संचालक परहेज नहीं करते हैं और मरीजों से मनमर्जी भाड़ा वसूलते हैं। मरीज के परिजनों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण उनके मुंह मांगे रेट पर मजबूरन तैयार होना पड़ता है। Report :- Desk Posted Date :- 19-11-2020 अपराध ‹ First<16171819>