अपराध

चेकिंग दस्ते ने कंडक्टर से छीने 100 के नोट, थमाए जाली
परिवहन निगम की कैसरबाग बस डिपो के परिचालक से चेकिंग दस्ते ने रविवार को 100-100 के नोट छीन लिए। इसके एवज में दस्ते ने चलन से बाहर हुए 500-500 के नोट उसे थमा दिए। विरोध करने पर उससे बदसुलूकी भी की गई। यही नहीं असली नोटों के एवज में दिए गए नोटों में दो नोट कैसरबाग डिपो की बससीतापुर से लखनऊ लेकर आ रहे संविदा कंडक्टर प्रभाकर मिश्रा से सीतापुर के कमलापुर में सुबह 8 बजे चेकिंग दस्ते ने बैग छीन लिए। बैग में मिले 7000 रुपये के 100-100 के नोट निकालकर 500-500 के नोट थमा दिए। प्रभाकर ने 100-100 के नोट देने से इन्कार किया तो चेकिंग दस्ते ने धमकाया 25 बेटिकट यात्री ढोने की रिपोर्ट लिख देंगे तो रोडवेज से बाहर हो जाओगे।
प्रभाकर कैसरबाग अड्डे पहुंचकर काउंटर पर कैश जमा कराने लगा। कैशियर ने 7000 की रकम के 500-500 के नोटों में से दो नकली निकालकर कंडक्टर को थमा दिए। चेकिंग दस्ते के द्वारा असली नोट लेकर नकली दिए जाने की कारस्तानी पर हंगामा होने लगा। जेब से भरने पड़े, अफसरों ने मुंह बंद रखने की दी धमकी अफसर को पता चला तो एक नकली नोट तो जमा कर लिया जबकि दूसरे पर लाल पेन से क्रॉस बनाए जाने के कारण नहीं ले सके। कंडक्टर को इस नोट के एवज में 500 रुपये अपने पास से पेमेंट करने पड़े। निगम अफसरों ने कंडक्टर को किनारे ले जाकर मुंह बंद रखने के लिए धमकाया भी,लेकिन मीडिया की मौजूदगी के चलते चेकिंग दस्ते की पोल खुल गई।
लखनऊ से वाया सीतापुर होकर दिल्ली जाने वाले रूट पर 24 घंटे में 450 से अधिक बसों का आवागमन होता है। इनमें लंबी दूरी से आने वाली बसों के कंडक्टरों से कमलापुर, खैराबाद, अटरिया तक तीन चेकिंग दस्ते बड़े नोट से छोटे बदल जा रहे हैें। कैसरबाग बस अड्डे पर कंडक्टरों ने बताया कि पांच दिन से ऐसा चल रहा है।
इसके चलते जो यात्री 500 रुपये देकर टिकट लेना चाहते हैं उनको 100-100 के नोट न होने के कारण उतारना भी पड़ता है।कमाई का एकतिहाई हो रहा काला-सफेद हरदोई, कानपुर, गाजियाबाद, बरेली, मेरठ, इलाहाबाद, वाराणसी, फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ सहित सभी परिक्षेत्र से रोजाना 11-12 करोड़ रुपये आते हैं। इनमें से औसतन 4 करोड़ रुपये के छोटे नोट होते हैं।
खेल इन्हीं नोटों के लिए हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि काली कमाई को सफेद करने का ठेका निगम मुख्यालय के एक प्रधान प्रबंधक को सौंपा गया है जो चेकिंग दस्ते को 1000-500 के नोट दिलवाने एवं 100-100 के नोट पहुुंचाने की मध्यस्थता कर रहा है।
यूपी रोडवेज वर्कर्स यूनियन के लखनऊ के क्षेत्रीय मंत्री पीसी मिश्रा का आरोप है कि 9 नवंबर को ही कंडक्टरों ने चेकिंग दस्ते के छोटे नोट लेकर बड़े नोट दिए जाने की शिकायत की थी। इसके बारे में अफसरों को भी जानकारी दी गई, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। रेग्युलर एवं संविदा कंडक्टर परेशान हैं पर अन्य कर्मचारी नेताओें ने मुंह पर ताले लगा लिए हैं।
कंडक्टर से रुपये छीने जाने का मामला संज्ञान में आया है। सीतापुर के संविदा कंडक्टर से चेकिंग दस्ते की पहचान कराकर कार्रवाई की जाएगी।