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मैदान के बाहर भी थे गावस्कर हीरो, दंगों में बचाई थी लोगों की जान

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दुनिया के सर्वकालिक महानतम क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक सुनील गावस्कर को दिलेर खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने 70 और 80 के दशक में उन्होंने वेस्टइंडीज की विध्वंशक तेज गेंदबाजी का सामना बिना हेलमेट लगाकर किया और टेस्ट मैचों में 10 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने। सुनील गावस्कर मैदान के बाहर भी उतने ही दिलेर थे जितनी दिलेरी पिच पर गेंदबाजों का सामना करने में दिखाई।इस बात का खुलासा सुनील के बेट रोहन गावस्कर ने खुलासा किया। 1993 में मुंबई हमलों के दौरान साहस दिखाते हुए एक परिवार की जान बचाई थी। रोहन गावस्कर ने सोमवार रात मुंबई खेल पत्रकार संघ (एसजेएएम) के स्वर्ण जयंती लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार समारोह के दौरान अपने पिता को सम्मानित किए जाने के दौरान इस घटना को याद किया। रोहन ने बताया कि 1993 में बम धमाकों के बाद एक दिन हम अपनी छत पर खड़े थे। हमने देखा कि गुस्साए लोगों ने एक परिवार को घेर लिया था। हमें पता था कि उस परिवार के प्रति लोगों के इरादे अच्छे नहीं थे और पापा ने यह देख लिया, वह नीचे दौड़े और भीड़ का सामना किया। रोहन ने आगे बताया, उन्होंने भीड़ से कहा कि आपको इस परिवार के साथ जो करना है करो, लेकिन पहले मेरे साथ वैसा करना होगा और इसके बाद उन लोगों को सद्बुद्धि आई और उस परिवार को जाने दिया गया। अपने जीवन को खतरे में डालकर भीड़ का सामना करने के लिए विशेष साहस की जरूरत होती है और मुझे लगता है कि अपने करियर के दौरान बिना हेलमेट के उन तेज गेंदबाजों के सामना करने के लिए भी विशेष साहस चाहिए था।

Report :- Desk
Posted Date :- 13/12/2016

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